भाकृअनुप-केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान

विस्तार भा.कृ.अनु.प.-के.शु.बा.स

संस्थारन की कृषि विस्ताउर गतिविधियां

संस्थान में किसानों, विद्यार्थियों, युवा किसानों तथा कृषि पर्यवेक्षकों/ कार्मिकों का भ्रमण और उनसे बातचीत / बैठकें : संस्थाेन में राजस्थान और देश के अन्य राज्यों के गर्म शुष्क क्षेत्र के किसानों (पुरुष और महिला दोनों), छात्रों, युवा किसानों एवं राज्य सरकार, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, कालेजों / स्कूलों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न विभागों, अनुसंधान केन्द्रों आदि, से आए कृषि पर्यवेक्षक / कृषि कार्य से जुड़े कार्मिकों, व्याख्याताओं, शिक्षकों, वैज्ञानिकों / प्रशिक्षुओं, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संस्थान के खेतों / प्रयोगात्मक ब्लॉकों का दौरा किया। इस भ्रमण के दौरान उनको इस संस्थानन के बारे में तथा यहां से विकसित तकनीकियों और किस्मों के बारे विस्तातर से बताया गया।

किसानों के खेतों पर भ्रमण और उनके साथ बातचीत / बैठकें : किसान के खेतों का दौरा कर उनको शुष्क बागवानी फसलों के उत्पादन से संबंधित उनकी समस्याओं पर नियंत्रण पाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन / सहायता के साथ प्रदान की जाती हैं। किसान के साथ बैठक / बातचीत से भी उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है।

अनुसंधान-विस्तार-किसानों की संयुक्त चर्चा बैठकें : संस्था न द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी के स्थल पर, किसानों के खेतों पर तथा अग्रिम पंक्ति प्रदर्शनों तथा संस्थान में भ्रमण के दौरान अनुसंधान-विस्तार-किसानों के बीच संयुक्तू चर्चा के लिए बैठकें आयोजित की गयी। जिन स्था नों पर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शनों जिनमें संस्थाचन की शुष्क फल / सब्जी फसलों की उन्न त किस्मों और कृषि तकनीकों को लगाया गया था, वहां किसान समूह / कमोडिटी समूह / स्व-सहायता समूहों को संगठित करने का कार्य भी किया गया।

अग्रिम पंक्ति प्रदर्शनों / अनुकूली परीक्षण : संस्थांन द्वारा विकसित फल और सब्जी की उन्नत किस्मों का अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन किसानों के खेतों पर आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, शुष्क फल और सब्जी उत्पादन में सुधार के लिए उन्नंत कृषि तकनीकों / विधियों की भी दौरान प्रदर्शनों / भ्रमण के दौरान किसानों / विस्तार कार्यकर्ताओं चर्चा की गयी है।

किसान प्रशिक्षण : किसानों और कृषि कार्यकर्ताओं को संस्थान में या किसान के खेतों में प्रशिक्षण देने हेतु कार्यक्रम आयेाजित किए जाते हैं।

व्याख्यान : संस्थाीन में भ्रमण करने वाले किसानों / विस्तार कार्यकर्ता / गैर सरकारी संगठन के कर्मियों को शुष्क बागवानी में सुधार की प्रौद्योगिकियों से संबंधित व्यायख्याणन दिए जाते हैं।

किसान मेलों में भागीदारी एवं तकनीकी प्रदर्शनी लगाना : संस्थाशन विभिन्नम किसान मेलों, संगोष्ठी, सम्मेालनों, आदि में भाग लेकर शुष्क बागवानी तकनीकी की प्रदर्शनियों का आयोजन करता है।

शुष्क बागवानी प्रौद्योगिकियों को लोकप्रिय बनाने के लिए पहल : संस्थान द्वारा विकसित अभिनव शुष्क बागवानी प्रौद्योगिकियों को लोकप्रिय बनाने के लिए, विभिन्न गतिविधियों में दैनिक समाचार पत्रों / प्रेस मीडिया / मास मीडिया के साधनों के माध्यम से किसानों / ग्राहकों के बीच तकनीकी जागरूकता, रूचि और ज्ञान बढ़ाने की पहल की जाती है। इसके अतिरिक्ता किसान भ्रमण और किसानों के खेतों फसलों का प्रदर्शनों, किसान प्रशिक्षण, विभिन्नद उत्सव, किसान के खेतों का भ्रमण और किसानों के हित के लिए संगठन, किसानों / ग्राहकों को ऑनलाइन तकनीकी मार्गदर्शन और मोबाइल सलाहकार सेवा / आईसीटी / ई-विस्तार आधारित कार्यक्रम, तकनीकी साहित्य आदि विभिन्नऔ साधनों के द्वारा भी शुष्कए बागवानी की नवीन तकनीकियों को लोकप्रिय बनाने की पहल की जाती है।

तकनीक साहित्यै उपलब्ध करना :किसानों / विस्तार कार्यकर्ताओं / गैर सरकारी संगठनों एवं उनके भ्रमण, किसान मेले, प्रदर्शनियों, बैठकों, आदि के दौरान तकनीकी फोल्डर और बुलेटिन (तकनीकी साहित्य), प्रदान किए जाते हैं।

विभिन्नर दिवस मनाना :

गर्म शुष्क क्षेत्रों में बागवानी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थािन में प्रतिवर्ष किसान दिवस, फार्म आविष्कार दिवस, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद औद्योगिक दिवस, कृषि शिक्षा दिवस, आदि नियमित रूप से मनाये जाते हैं।

अन्तिर संस्थाजन सामन्जुस्यष / समन्व य तथा विभिन्नव कार्यक्रमों का आयोजन : शुष्क बागवानी विकास को प्रोत्साहित करने एवं संस्थालन के कार्यक्रमों को विस्तानरित करने के उद्देश्य से बीकानेर स्थित काजरी, राष्ट्री य उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र , राष्ट्री य अश्वु अनुसंधान केन्द्रि के उप केन्द्रा एवं केन्द्री य भेड़ व ऊन अनुसंधान संस्था न के उप केन्द्र् आदि, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानन, कृषि विज्ञान केन्द्र, एटिक और स्वारमी केशवनंद राज. कृषि वि.विद्यालय, बीकानेर, आदि से सामन्जरस्य, एवं समन्यजव स्थासपित किया जाता है। इनके साथ मिलकर विभिन्ने प्रकार के किसान हितार्थ कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

मोबाइल सलाहकार सेवा / आईसीटी आधारित / ई-विस्तार आधारित गतिविधियॉं : बागवानी फसलों के उत्पादन से संबंधित किसानों की विभिन्नक समस्यामओं का अन्यस माध्यनमों के द्वारा भी समाधान किया जाता है जिनमें मोबाइल, टेलीफोन एवं ई-मेल सेवाएं प्रमुख रूप से है। इसके अतिरिक्त संस्थाकन की वेब साईट के माध्य‍म से भी शुष्कव बागवानी से संबंधित नव तकनीकियों की जानकारी दी जाती है। संस्था न से संबंधित क्रिया कलापों की जानकारी छ: माही समाचार पत्र के माध्यम से भी दी जाती है। संस्थान का भ्रमण करने वाले किसानों आदि को फिल्म दिखाकर भी संस्थान के बारे में जानकारी उपलब्ध करवायी जाती है।

प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए पहल : संस्थारन द्वारा विकसित किस्मोंन एवं उनके उगाने की तकनीक की विभिन्न माध्योमों से जानकारी किसानों तक पहॅुचाई जाती है ताकि किसान उनको अपनाकर उनकी खेती कर सके। इसके लिए किसानों को शुष्क फलों और सब्जियों की फसलों के बीज और रोपण सामग्री उपलब्ध करायी जाती है।

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