Thar Karni variety of Ridge gourd and Thar Sheetal Variety of Longmelon has been released by CSC on CSN & RC for Horticultural Crops for commercial cultivation in Rajasthan State. |
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दिनांक 24.06.2022 को संस्थान में ‘मानसिक स्वास्थ्य’ विषय पर हिन्दी कार्यशाला का आयोजन ऑन लाइन एवं ऑफ लाईन माध्य्म से किया गया, जिसमें डॉ डी. एस. पूनिया, एम.डी (मनोचिकित्सक), एम्स नई दिल्ली एवं संस्थापक माइन्डरूट फाउन्डेशन, जयपुर ने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से चर्चा की एवं लघु चलचित्र एवं पॉवर पाइन्ट प्रस्तुति के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताया। इस चर्चा के दौरान प्रतिभागियों/ जिज्ञासियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जवाब भी दिया एवं बताया की कैसे जाने की कोई व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ है एवं उसे उपचार की आवश्यकता है। उपरोक्त कार्यशाला में संस्थान, उपकेन्द्र एवं कृषि विज्ञान केन्द्र , गुजरात के सभी अधिकारी/कर्मचारी तथा बीकानेर में स्थिति भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भी भाग लिया। संस्थान के निदेशक डॉ. डी. के. समादिया ने सभी का स्वाभगत किया एवं कार्यशाला के विषय में बाताया। डॉ. धुरेन्द्रि सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने डॉ पूनिया एवं उनकी टीम के साथ सभी उपस्थिति अतिथियों, अधिकारी एवं कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। |
17-05-2022 | ... | Walk In Interview-SRF on 27.05.2022 at 11.00 AM |
11-03-2022 | ... | Notification:- Applications are invited to fill up the Young Professional-I |
Farmers Advisory किसानों के लिए शुष्क बागवानी फ़सलों के बारे में सलाह-4 किसानों के लिए शुष्क बागवानी फ़सलों के बारे में सलाह-3 |
A caratenoids rich watermelon |
भाकअनुप-केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान में टिड्डी दल का हमला
एक तरफ जहां कोरोना की भयंकर महामारी से सभी प्रभावित है वहीं केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीछवाल, बीकानेर के अनंसधान फार्म में आज दिनांक 20.05.2020 को लगभग 12:30 बजे एक बहुत बड़े टिड्डी दल ने दस्तक दी। यह टिड्डी दल लगभग एक घण्टे तक संस्थान परिसर में एवं शोध प्रक्षेत्र की विभिन्न फसलों पर मंडराता रहा है तथा कई फसलों जैसे ककड़ी, खेजड़ी अनार, किन्नों इत्यादि को नुकसान भी पहुंचाया। इस टिड्डी पर काबू पाने के लिए निदेशक महोदय के निर्देश में सभी वैज्ञानिकों, तकनीकी कर्मचारियों व श्रमिकों की सहायता से काबू पाया गया। भविष्य में किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
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